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प्रभु दर्श कर आज घर जा रहे है

प्रभु दर्श कर आज घर जा रहे है, झुका तेरे चरणों में सर जा रहे है

यहाँ से कभी दिल न जाने को करता, करे कैसे जाये बिना भी न सरता
अगर च हिर्धय नयन भर आ रहे है

प्रभु दर्श कर आज घर जा रहे है, झुका तेरे चरणों में सर जा रहे है


न हुई पूजा भक्ति न कुछ सेव कई, न मंदिर में बहुमूल्य वास्तु चराई
यह खली फकत जोर के जा रहे है

प्रभु दर्श कर आज घर जा रहे है, झुका तेरे चरणों में सर जा रहे है


बुलाना यहाँ फिर भी दर्शन को अपने, लगे तुम भरोसे सभी कर्म जहर ने
ज़रा केते रहना खबर जा रहे है

प्रभु दर्श कर आज घर जा रहे है, झुका तेरे चरणों में सर जा रहे है

प्रभु दर्श कर आज घर जा रहे है, झुका तेरे चरणों में सर जा रहे है

भगवन मेरी नैया

भगवन मेरी नैया , उस पार लगा देना 
अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना 

हम दिन दुखी निर्धन, नित नाम जपे प्रतिपल 
यह सोच दरस दोगे. प्रभु आज नहीं तो कल 
जो बाग़ लगाया है फूलो से सजा देना 
अब तक तोह निभाया.........................

तुम शांति सुधाकर हो , तुम ज्ञान दिवाकर हो 
मुम हँस चुगे मोती , तुम मानसरोवर हो 
दो बूंद सुधा रूस की , हम को भी पिला देना 
अब तक तोह निभाया.........................

रोकोगे भला कब तक , दर्शन दो मुझे तुम से 
चरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसे 
अब द्वार खड़ा तेरे , मुझे रह दिखा देना 
अब तक तोह निभाया है....................

मझदार पड़ी नैया डगमग डोले भव में 
आओ त्रिशाला नंदन हम धयान धरे मन में 
अब दस करे विनती, मुझे अपना बना लेना 

भगवन मेरी नैया उस पार लगा देना
अब तक तोह निभाया है आगे भी निभा देना 

मुझे एह्सा वर दे दो , गुणगान करू तेरा

मुझे एह्सा वर दे दो , गुणगान करू तेरा
इस बालक के सर पर प्रभु हाथ रहे तेरा

सेवा नित तेरी करूँ  तेरे द्वारे पर आऊँ मैं
चरणों की धूलि को नित शीश लागों मैं
नित शीश लागों मैं
चरणामृत पा कर के नित करम करो मेरा
 इस बालक के सर पर प्रभु हाथ रहे तेरा
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भक्ति और शक्ति दो अज्ञान को दूर करो
अरदास करूँ प्रभुवर अभिमान को चूर करो
अभिमान को चूर करो
नहीं देवाश रहे मान में
रहे वास प्रभु तेरा
इस बालक के सर पर प्रभु हाथ रहे तेरा

विश्वास हो यह मान में तुम साथ ही हो मेरे
तेरे ध्यान में सोउन में सपनों में रहो मेरे
सपनो में रहो मेरे
चरणों से लिपट जाऊं तुम ध्यान करो मेरा
इस बालक के सर पर प्रभु हाथ रहे tera

Jai Bolo Mahavir Swami Ki

जय बोलो महावीर स्वामी की,
घट घट के अंतर यामी की I

जिस ने जग का उदहार किया,
जो आया शरण में पार हुआ,
उस त्रिशाला नंदन स्वामी की,
जय बोलो महावीर स्वामी की I


जो पार मिटाने आया था,
जिसने यह देश जगाया था,
प्रभु पीर सुनी हर प्राणी की,
जय बोलो महावीर स्वामी की I


प्रभु लाख बार प्रणाम तुम्हे,
हे वीर प्रभु भगवन तुम्हे,
मुक्ति के शिवपथ गामी की,
जय बोलो महावीर स्वामी की I

जय बोलो महावीर स्वामी की
घट घट के अंतर यामी की I